गुरुवार, 7 फ़रवरी 2013

प्रेस क्लब का कमाल दारू ठेकेदार का धमाल...




छत्तीसगढ़ की राजधानी में स्थित प्रेस क्लब की अपनी प्रतिष्ठा है लेकिन कतिपय पदाधिकारियों की खाओ पियों नीति ने न केवल इसकी प्रतिष्ठा को चोट पहुंचाई है बल्कि आम लोगों में प्रेस क्लब की छवि खराब करने की भी कोशिश हुई है ।
रायपुर प्रेस क्लब की गरिमा को इस बार ठेस पहुंचाने का काम कोई और नहीं कार्यकाल पूरा होने के बाद भी पदों पर जमें पदाधिकारियों ने की हे । प्रेस क्लब रायपुर द्वारा प्रतिष्टित लोगों के लिए प्रेस से मिलिए रूबरू और आमने सामने जैसे गरिमा पूर्ण आयोजन किया जाता है । इसी कड़ी में 17 नवम्बर शनिवार को रूबरू कार्यक्रम का आयोजन किया गया । इस कार्यक्रम में अब तक प्रतिभाशाली व प्रतिष्ठित लोगों को ही प्रेस क्लब अपना मेहमान बनाते आया है ।
लेकिन 17 नवम्बर के कार्यक्रम में इस कार्यक्रम की गरिमा को नजर अंदाज करते हुए
 प्रेस क्लब के पदाधिकारियों ने शराब ठेकेदार बल्देव सिंग उर्फ पप्पू भाटिया को आमंत्रित कर लिया ।
इस आयोजन में पदाधिकारियों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया अध्यक्ष बृजेश चौबे, महासचिव विनय शर्मा और उपाध्यक्ष के.के. शर्मा जहां पप्पू भाटिया के आजू-बाजू बैठे वहीं एक अन्य पदाधिकारी कमलेश गोगिया द्वारा स्मृति चिंन्ह दिया गया । जबकि अतिथि का स्वागत सत्कार का काम सुशील अग्रवाल और राजकुमार ग्वालानी ने किया । प्रेस क्लब के इस आयोजन को लेकर सदस्यों में बेह्द आक्रोश है और सामान्य सभा में यह मुद्दा भी जोर शोर से उठेगा कि आखिर एक शराब ठेकेदार को रूबरू जैसे प्रतिष्ठा पूर्ण कार्यक्रम में  क्यों बुलाया गया ।
ज्ञात हो कि प्रेस क्लब के इन वर्तमान पदाधिकारियों का कार्यकाल 23 अक्टूबर को समाप्त हो चुका है ऐसे में प्रेस क्लब की प्रतिष्ठा को बनाने की बजाय उस पर पलिता लगाने के मामले से पदाधिकारियों को जवाब देना मुश्किल हो जायेगा । जबकि कार्यकाल समाप्त होने के बाद फोटोग्राफरों के पुरस्कार वितरण में मुख्य अतिथि के लेट-लतीफी का मामला भी अभी शांत नहीं हुआ है और पुरस्कार को लेकर भी फोटोग्राफरों में नाराजगी है।
ऐसा नहीं है कि प्रेस क्लब की गरिमा को ठेस पहुंचाने की कोशिश पहली बार हुई है इससे पहले भी प्रेस क्लब की डायरेक्टरी में एक अपराधिक छवि वाले लल्लू के विज्ञापन पर बवाल मच चुका है और तब भी वर्तमान अध्यक्ष पर ही आरोप लगा था ।
बहरहाल कार्यकाल पूरा होने के बाद इस तरह के आयोजन को लेकर पदाधिकारियों की करतूत चर्चा में हैं जबकि पिछली बार अनिलपुसदकर के द्वारा समय पर चुनाव नहीं कराने के कारण यही लोग हल्ला मचाते थे । अब तो यह कहा जा रहा है कि प्रेस क्लब में ऐसा क्या है जिसकी वजह से जो बैठता है  उतरता ही नहीं चाहता !
      

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