सोमवार, 11 अक्टूबर 2010

स्वराज दास की मनमानी की कहानी...

कुरेटी के कारनामों की कहानी अभी लोगों की जुबान से उतर भी नहीं पाई है कि जनसंपर्क के एक और अधिकारी स्वराज दास की मनमानी चर्चे में हैं। मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह के घर पदस्थ इस अधिकारी स्वराज दास पर अब अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर मनमानी किए जाने को लेकर पत्र मिला है। पत्र को हम हू-बहू प्रकाशित नहीं कर सकते इसलिए उसके अर्थ ही प्रकाशित किए जा रहे हैं।
पत्र के अनुसार किसी समय अजीत जोगी के करीबी रहकर राजनीति का गुण सीखने वाले स्वराज दास ने अब जनसंपर्क में अपने प्रभाव के चलते राजनीति कर रहे हैं। चूंकि सचिव बैजेन्द्र कुमार जनसंपर्क से यादा पर्यावरण विभाग में यादा रूचि रखते हैं इसलिए भी यहां सब कुछ ठीक नहीं है। स्वराज दास जी जनसंपर्क के स्थापना व समाचार शाखा के भी प्रभारी है और उन पर पदोन्नति संबंधी फाईल दो सालों से रोक लेने का आरोप है। शासकीय कार्यक्रमों के कव्हरेज के लिए गाड़ी नहीं देकर कर्मचारियों को परेशान करने के अलावा संविदा कम्प्यूटर कर्मचारी को अनावश्यक परेशान करने का भी आरोप लगााया गया है। यही नहीं अखबारों को विलंब से समाचार भेजने व फोटोग्राफरों से दर्ुव्यवहार की भी शिकायत है।
पत्र के अनुसार मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह ने 27 सितम्बर 2008 की बैठक में संचालनालय व बड़े जिलों में फोटो ग्राफरों की सीधी भर्ती का निर्णय लिया था लेकिन जानबूझकर भर्ती नहीं की जा रही है जिसकी वजह से कई महत्वपूर्ण कार्यक्रमों के कव्हरेज में दिक्कत आ रही है और अनुबंधित फोटोग्राफरों की सेवा ली जा रही है।
प्रताड़ित पत्रकार की पीड़ा
रामनगर से साप्ताहिक समाचार ओम दर्पण निकालने वाले पत्रकार ओम प्रकाश सिंह की पीड़ा यह है कि उसके साथ पुलिस वालों ने तो बदतमीजी की ही महिला सीएसपी श्वेता सिन्हा ने उन्हें एनकाउंडर करने की धमकी भी दी अब उन्हें झूठे केस में फंसा लेने का डर सता रहा है और उसने अपने साथ हुई घटना की शिकायत उच्चाधिकारियों से भी की है लेकिन कार्रवाई कोई नहीं कर रहा है।
चौथे स्तम्भ की शान
वफादार साथी द्वारा कथित रुप से प्रताड़ित होने वाले रेंजर एमआर साहू ने पत्रकार वार्ता लेकर अपनी आप बीती सुनाई है। श्री साहू का कहना है कि वे दुखी हैं एक तो नक्सली क्षेत्र में काम कर रहे हैं और उनके साथ गलत हो रहा है उनके साथ हो रहे गलत को छापने से चौथे स्तम्भ की शान बचाई जा सकती है।
और अंत में...
सीधे भास्कर के खिलाफ छापने वाली पत्रिका को अब सचेत होना होगा क्योंकि भास्कर भी बड़ी तैयारी में है और बलात छापने से भास्कर परहेज भी नहीं करने वाला है।

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